✍️जग हो एक परिवार के जैसा तो फिर रोज दिवाली है ✍️

✍️जग हो एक परिवार के जैसा तो फिर रोज दिवाली है ✍️
👉जगतपुर रायबरेली 👈
✍️रायबरेली जिला के जगतपुर के अंतर्गत सन्त निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में रविवारीय सत्संग कार्यक्रम आयोजित हुआ सत्संग की अध्यक्षता करते हुए महात्मा बसन्त सिंह जी ने सत्गुरु का संदेश देते हुए कहा छट जाये अज्ञान अंधेरा तो फिर रोज दिवाली है, ज्ञान उजाला डाले डेरा तो फिर रोज दिवाली है ,मन अवध में राम जो आये तो फिर रोज दिवाली है ,अहंकार का वध हो जाये तो फिर रोज दिवाली हैं, ज्योत से ज्योत जगते जाये तो फिर रोज दिवाली है, रोशनी राह बनाते जाये तो फिर रोज दिवाली है, प्रेम प्रीत की फुलझड़ी हो तो फिर रोज दिवाली है, मिलवर्तन की जुड़ी कड़ी हो तो फिर रोज दिवाली है ,समदृष्टि की बटे मिठाई तो फिर रोज दिवाली है, जग हो एक परिवार के जैसा तो फिर रोज दिवाली है जब जीवन से अज्ञान का अंधेरा मिट जाता है ज्ञान का उजाला स्थापित हो जाता है सन्त जन मन में एक प्रभु परमात्मा को वसा कर जीवन जीते हैं सन्तों ने हमेशा से अपने जीवन में पर उपकार की भावना को रख कर एक प्रीत प्यार से मिलवर्तन के साथ रहते आये हैं सारे संसार को अपना परिवार समझ कर वासुदेव कुटुम्बम के भाव के साथ जीवन जीते हैं इस मौके पर सैकड़ों की साध संगत मौजूद रही✍️
✍️पत्रकार रितिक तिवारी की रिपोर्ट ✍️