✍️मानवता को संवारने के लिए खुद को संवारना*✍️

✍️मानवता को संवारने के लिए खुद को संवारना*✍️
👉जगतपुर रायबरेली 👈
✍️रायबरेली जिला के जगतपुर के अंतर्गत सन्त निरंकारी मिशन* के द्वारा *किशुन दास पुर* में कर्मा वती जी के मध्यम से सत्संग कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें सत्संग कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महात्मा *अमर प्रताप जी* ने कहा *कुछ भी बनो मुबारक है पर पहले इंसान बनो* संत महापुरुषों ने युगो युगो से यही संदेश देते आए हैं की मनुर्भव मनुष्य बनो आज भी संतो के द्वारा यही संदेश दिया गया कुछ भी बानो मुबारक है दुनिया की कितनी भी बुलंदियां छू लो वह सब मुबारक है लेकिन एक इंसानियत अपने जीवन में धारण करना जो सबसे अहम है क्योंकि मनुष्य का तन मिला है तो मानवता वाला ही जीवन जीना है मन की सुंदरता से ही एक सुंदर जीवन बनता है जिस तरह एक स्वादिष्ट मिठाई की परख उसकी बनावट से नहीं बल्कि उसके मिठास से होती है इस प्रकार सन्तों के जीवन को उनके कर्म ही महान बनाते हैं वाणी की मिठास ही लोगो को खुशियां देती है अगर मन में किसी के प्रति कड़वाहट नहीं है सब में इस निरंकार प्रभु परमात्मा का ही नूर दिखाई दे रहा है तो फिर सभी से एक प्रेम वाला ही व्यवहार होता चला जाएगा निष्काम भाव से सभी की मदद कर पाएंगे महात्मा ने आगे कहा कि अगर मानवता को संवारना है तो आध्यात्मिकता को जीवन में लाना होगा आध्यात्मिक पहलू कमजोर होने के कारण आज वस्तुओं से प्यार और इंसानों का प्रयोग किया जा रहा है जबकि आवश्यकता तो है इंसानों से प्यार करने की और वस्तुओं को प्रयोग करने की वस्तुएं तो सिर्फ हमारे जरुरतो की पूर्ति के लिए है सन्तों ने इसी एहसास के साथ संसार में रहकर के जीवन जिया है सद्गुरु से इस प्रभु परमात्मा का ज्ञान पाकर निरंकार को ही जीवन का आधार बनाना है संसार में एक निर्लिप्त निर्लेप भाव से रह कर जीवन जीना है ब्रांच प्रबंधक ज्ञान प्रचारक महात्मा *बसंत लाल जी* ने सभी का धन्यवाद किया इस मौके पर महात्मा घन श्याम सहगल जी, कृष्ण दत्त वाजपेई जी,राम भरोसे जी, गया दत्त जी,बैज नाथ जी, शिव बालक जी, शत्रोहन जी, आदि बहनें राज वती जी, रामकली जी, राजदेई जी रेखा जी, दुर्गा देवी जी, कर्मा वती जी, आदि सांध संगत मौजूद रहे✍️
✍️पत्रकार रितिक तिवारी की रिपोर्ट ✍️