✍️जिसकी भक्ति जिसकी पूजा उसका ज्ञान जरूरी है ✍️

✍️जिसकी भक्ति जिसकी पूजा उसका ज्ञान जरूरी है ✍️
👉जगतपुर रायबरेली 👈
✍️ रायबरेली जिला के जगतपुर के अंर्तगत संत निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में सोमवार सुबह सत्संग बहन ऊषा जी ने कहा – जिसकी भक्ति जिसकी पूजा उसका ज्ञान जरूरी है। हमें एक परमपिता परमेश्वर की ही भक्ति की करनी चाहिए और यह पहचान हमें सद्गुरु के माध्यम से होती है। सद्गुरु है इस जगन का दाता जो चाहे वह कर सकता है। गूंगा राग सुना सकता है। जब हम सद्गुरु के चरणों में सजदा करते हैं तो सद्गुरु हमें रमई राम के दर्शन करा देते हैं। मिला है, मुझको सद्गुरु पूरा आवागमन खत्म हुआ। आज समय की सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज हमें ब्रह्म ज्ञान प्रदान कर हमारा सर्वदा कल्याण कर रही हैं। वह हमें 84 के बंधन से मुक्त करा कर मोक्ष प्रदान कर रही हैं।
हमें हमेशा अपने सद्गुरु के भाने में रहना चाहिए। अगर हम सद्गुरु के भाने में रहेंगे तो हमारा सर्वदा कल्याण होगा। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज हमें रूहानियत और इंसानियत संग संग का पैगाम दे रही हैं और मानव मात्र का कल्याण कर रही हैं। गुरमत ने आबाद किया और मन्मथ ने बर्बाद किया। हमें हमेशा अपने सतगुरु के वचनों को मानना चाहिए तभी हमारा कल्याण होगा। जब मैं था तब हरि नहीं अब हरि हैं मैं नहीं। मीराबाई ने री पायोजी मैंने राम रतन धन पायो यह यह सुनाया था और प्रभु के दर्शन किए थे। कोई तन दु:खी कोई मन दु:खी कोई धन से है उदास, थोड़े-थोड़े सभी दु:खी। सुखीराम के दास जो राम के मानने वाले होते हैं वह कभी उदास नहीं होते पहला जन्म हमें मां की कोख से मिला है और दूसरा जन्म हमें गुरु के मुख से मिला है। इसीलिए हम गुरु मुख हैं, ईश्वर अंश अविनाशी एक राम दशरथ का बेटा एक राम घर घर लेटा एक राम का सकल पसारा दुनिया का धन झूठा साधु साथ ना जाता ढीला है। राम रतन धन बांटो जितना उतना बढ़ता जाता है गुरु के प्यारे पर्वत को भी लांघ जाते हैं। एक को जानो एक को मानो एक हो जाओ जिस आनंद की खातिर दुनिया भटक रही है वह परमानंद आज हमें सतगुरु माता जी सुदीक्षा जी महाराज प्रदान कर रहे हैं। सारे दुनिया के मेरा सहारा तो सद्गुरु है। मेरी गाड़ी तेरे हवाले तू जाने तेरा काम जाने✍️
✍️पत्रकार रितिक तिवारी की रिपोर्ट ✍️