✍️भक्ति करने वाला मन ही एक मंदिर बन जाता है ✍️

✍️भक्ति करने वाला मन ही एक मंदिर बन जाता है ✍️
👉जगतपुर रायबरेली 👈
✍️रायबरेली जिला के जगतपुर के अंतर्गत सन्त निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में सुबह का सत्संग कार्यक्रम आयोजित हुआ सत्संग की अध्यक्षता करते हुए महात्मा राम सजीवन जी ने कहा कि भक्ति करने वाला मन ही एक मंदिर बन जाता है, सिवा प्रभु के दूजा कोई उसमें ना बस पता है, भक्ति करने वाला मन ही होता है सबसे निर्मल , सबसे सुंदर सबसे पावन होता है सबसे उज्जवल ,भक्ति करने वाला मन ही जनजन का हितकारी भी , प्रेम दया से भरा हुआ है और बड़ा उपकारी भी । भक्त जन इस प्रभु परमात्मा का अंग संग एहसास करते हुए जीवन जीने लगता है अपने मन में इसी का बसा कर इस एक का ही सहारा लेते हुए हो अपने जीवन को आगे बढ़ाता है ऐसे भक्त का मन ही मन्दिर बन जाता है वो अपने मन दूजे पन के , परायेपन के,लोभ, लालच से दूर हो कर एक निश्छल,निश्कपट निर्मल मन से निश्वार्थ भाव होकर जीवन जीते हैं वह अपनी आत्मा का कल्याण तो करते ही हैं साथ ही दूसरो के हित भी करते हैं सभी को ये संदेश देते हैं कि यह प्रभु परमात्मा जानने योग्य इसे जाना जा सकता है और इसे जानकर भक्ति करते हुए अपनी आत्मा का कल्याण किया जा सकता है✍️
✍️पत्रकार रितिक तिवारी की रिपोर्ट ✍️