लेखपाल कानूनगो,व तहसील कार्यालय के कर्मचारियो की मिली भगत से ग्राम सभा बैरीहार की सरकारी बंजर भूमि को गलत तरीके से खतौनी में किया गया आवंटन ,
गजब का खेल किया जा रहा है ऊंचाहार तहसील में,
पहले सरकारी संपत्ति की बेदखली का आदेश पारित किया जाता है और उस पर सरकारी भवन का निर्माण सार्वजनिक अन्नपूर्णा की दुकान का निर्माण होता है कुछ दिनों बाद और *कानूनगो,व तहसील कार्यालय के कर्मचारियो और लेखपाल की जब जेब गर्म हो जाती है तो उस सरकारी बंजर भूमि को बुद्ध लाल पुत्र राम सेवक के नाम खतौनी में दर्ज कर अपनी अपनी जेब भर ली जाती है,
लेखपाल, कानूनगो,व तहसील कार्यालय के कर्मचारियो द्वारा अधिकारियो को गुमराह करके अपात्र व् पात्र का ध्यान नही दिया,
जबकि *धारा 67 क सिर्फ भूमिहीन पर लागू होता है*
सोचने की बात यह है क्या उप जिलाधिकारी ऊंचाहार के नाक के नीचे लेखपाल कानूनगो,व तहसील कार्यालय के कर्मचारी सरकारी जमीन से खेला खेल जाते है
क्या लेखपाल कानूनगो,व तहसील कार्यालय के कर्मचारी मिलकर सरकारी संपत्ति को बेचकर अपना खर्चा चलाएंगे,
इस संबंध में बैरीहार ग्राम प्रधान करन बहादुर सिंह ने लिखित प्रार्थना पत्र देकर जांच की मांग की है