✍️राम झरोखे बैठकर सबका मुजरा ले जैसी जाकी चाकरी था को तैसा दे ✍️

✍️राम झरोखे बैठकर सबका मुजरा ले जैसी जाकी चाकरी था को तैसा दे ✍️
👉जगतपुर रायबरेली 👈
✍️रायबरेली जिला के जगतपुर के अंतर्गत सन्त निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में सुबह का सत्संग कार्यक्रम आयोजित हुआ सत्संग की अध्यक्षता करते हुए महात्मा श्री आशुतोष जी ने कहा निरंकार है घट घट वासी सबके दिल की जान रहा , इस दुनिया में कौन है कैसा सबको ही पहचान रहा , जर्रे जर्रे में आंखें इसकी जरा जरा देख रहा , किसी देश में किसी काल में इससे न कुछ छिपा हुआ, कड़कड़ भीतर आप विराजे करता खुद रखवाली है , कई हरदेव यह मालिक सब का कुल दुनिया का वाली है ये प्रभु परमात्मा हमारे हर कर्म का जाननहार इससे कुछ छिपा नहीं है संत जन इस एहसास के साथ जीवन जीते हैं कि हमारे हर कर्म के ऊपर इस प्रभु परमात्मा की नजर है इसका डर जब हमारे जीवन में बना रहेगा तब हमसे गलतियां कम होगी क्योंकि सन्त ये जान जाते हैं जो कर्म का फल देने वाला है उससे तो हम कुछ छुपा ही नहीं सकते इसलिए वह एक दिखावा वाली जिंदगी नहीं जीते एक अंदर बाहर से एकमिक होकर के जीवन जीते हैं ये सबके दिल की जानता है संत कबीर कहते हैं चींटी के पग घुंघरू बाजे तो भी मलिक सुनता है जर्रे जर्रे में इसकी आंखें हैं इससे कुछ भी छुपा नहीं है भूत भविष्य वर्तमान सभी इसी के एक इशारे से चलते हैं सारे दुनिया का सृजनहार है राम झरोखे बैठकर सबका मुजरा ले जैसी जाकी चाकरी था को तैसा दे ब्रह्म ज्ञानी ऐसी प्रभु परमात्मा को जानकर के भक्ति करता है हर वक्त यह एहसास मन में बनाए रखता है कि यह निरंकार प्रभु हमारे अंग संग है सारी दुनिया का मालिक है जो चाहे कर सकता है हम सब कठपुतली इस मलिक की✍️
✍️पत्रकार रितिक तिवारी की रिपोर्ट ✍️