✍️तारा बिकल देखि रघुराया, दीन्ह ग्यान हरि लीन्ही माया

✍️तारा बिकल देखि रघुराया, दीन्ह ग्यान हरि लीन्ही माया✍️
👉जगतपुर रायबरेली 👈
✍️रायबरेली जिला के जगतपुर के अंतर्गत सन्त निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में रविवार का सत्संग कार्यक्रम आयोजित किया गया महात्मा *विजय बहादुर जी.ने कहा *गुरु ज्ञान से निरंकार को जाना है पहचान है ,इससे इकमिक हो जाना है असल में इसको पाना है सद्गुरु की कृपा से ही यह प्रभु परमात्मा जो हमारे अंग संग है हाजिर नाजिर है जो कायम दायम रहने वाली सत्ता है सद्गुरु की कृपा से ही ज्ञान मिलता है ज्ञान प्राप्त करने के बाद एक इकमिक वाली अवस्था को बना लेने से ही ज्ञान का आनंद मिलता है जिसने इस प्रभु परमात्मा को हर घट में देखते हुए सभी से प्यार किया है उसने वह सुकून शांति आनंद अपने जीवन में पा लिया है औरों को भी सुकून शांति आनंद देते हुए मानवता की राह में आगे बढ़ते चला जाता है भगवान श्री राम ने तारा को इस परमसत्य का ज्ञान देकर उनके मोह को नष्ट करते हुए दुखों को दूर कर दिया था तारा बिकल देखि रघुराया, दीन्ह ग्यान हरि लीन्ही माया । महात्मा आगे कहते हैं ये एक जिसने ये सारी सृष्टि बनाई सूरज, धरती अग्नि पानी, हवा ये सब बनाया सभी जीवों का सृजनहार भी यही है सिवा इस प्रभु परमात्मा के कुछ भी नहीं है अर्थात *वासुदेवः सर्वम् सब कुछ इस प्रभु परमात्मा से ही है ऐसे ज्ञान को पाकर ज्ञानी जन इस संसार के मोह बंधन से मुक्त हो कर एक परमार्थ के भाव के जीवन जीते हैं और एक सुंदर धार्मिक और आध्यात्मिक समाज का निर्माण करते है इस मौके पर समस्त साध संगत
मौजूद रही वही सत्संग कार्यक्रम के पहले सन्त निरंकारी मिशन के सेवा दल के सदस्यों ने सत्संग भवन के सामने लखनऊ प्रयागराज मार्ग पर सफाई अभियान करके समाज में स्वछता मैसेज दिया जिसमें राम सुमेर जी, बाबूलाल जी, रती पाल जी, गुलशन जी, अनिल कुमार जी शिव मूर्ति जी, पवन कुमार जी, अशोक जी, रुपेश जी, नितेश कुमार जी तारा चंद्र जी एवं बहनें बबिता जी रजनी जी पूनम जी रेखा पांडे जी ऊषा देवी जी कर्मा वती जी लक्ष्मी जी, अंजली जी बिमला जी कमला जी आदि सांध संगत मौजूद रही✍️
✍️पत्रकार रितिक तिवारी की रिपोर्ट ✍️