✍️तीन लोग नौ खंड में गुरु से बड़ा न कोय करता करे न कर सकें गुरु के करे सो होय ✍️

✍️तीन लोग नौ खंड में गुरु से बड़ा न कोय करता करे न कर सकें गुरु के करे सो होय ✍️
👉जगतपुर रायबरेली 👈
✍️रायबरेली जिला के जगतपुर के अंतर्गत तीन लोक नौ खंड में, गुरु से बड़ा न कोय्,करता करे न कर सकै, गुरु के करे सों होय। सन्त निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में महिला सत्संग कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बहन रेखा पाण्डेय जी ने सत्गुरु का गुणगान करते हुए कहा सत्गुरु ब्रह्मवेत्ता होता है ब्रह्म को जानने वाला होता है तीन लोक नौ खंड में गुरु से बड़ा कोई नहीं है विधाता विधान के तहत ही कर्म फल का निर्माण करता है लेकिन जब साकार होकर सतगुरु रूप में प्रकट होता है तो यह बक्संहार होता है ये हमारे गुण अवगुण न देखते हुए अपने निज स्वरूप का बोध कराता है और एक सुंदर जीवन जीने की कला सिखाता है कि हमें जीवन में स्वार्थी नहीं परमार्थी बनना है परमार्थ के कारने साधुन धरा शरीर भक्त सद्गुरु की शिक्षाओं में चलकर जहां जीवन को शुकुन और शान्ति से जीता है वहीं दूसरो के लिए भी शितलता देने वाला ही बनता है हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रूठे नहीं ठौर गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर बताया गया है की एक बार हरि के रूठ जाने पर तो गुरु का स्थान है लेकिन गुरु के रूठ जाने पर कहीं स्थान नहीं मिलता बहन अवतार वाणी का सहारा लेते हुए कहती है भक्त लोग अभी न समझे प्रभु को पाना भक्ति है छोड़ के सारे भरम भूलेख है गुरु रिझाना भक्ति है भक्ति तो प्रभु को प्राप्त करने का नाम है गुरु को रिझाने का नाम है भक्त सद्गुरु के वचनों पे चलते हुए एक मानवता वाला जीवन जीता है एक दूसरे के प्रति हमदर्दी वाले भाव रखता है किसी को दर्द देने वाला नहीं बनता है इसी मौके पर बहनों ने भजन बोल सतगुरु देह का नाम नहीं है सतगुरु होता ज्ञान है सद्गुरु को एक देह समझना भूल है अज्ञान है अन्य बहनों ने भजन बोला गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पारब्रह्म गुरु भगवंत गुरु मेरा ज्ञान गुरु ह्रदय ध्यान गुरु निरंकार पूरख भगवान इस मौके पर समस्त महिला साथ संगत मौजूद रही ✍️
✍️पत्रकार रितिक तिवारी की रिपोर्ट ✍️