Uncategorizedकृषिदेशरायबरेली

कृषि उर्वरक निजी व सहकारी बिक्री केन्द्रों पर उपलब्ध: जिला कृषि अधिकारी

Fast News UP

Listen to this article

कृषि उर्वरक निजी व सहकारी बिक्री केन्द्रों पर उपलब्ध: जिला कृषि अधिकारी

 

रायबरेली 19 अक्टूबर 2024
जिला कृषि अधिकारी अखिलेश पांडे बताया है कि चालू रबी मौसम में 18 अक्टूबर 2024 तक जनपद में यूरिया 22916 मेट्रिक टन, डीएपी 5026 मेट्रिक टन, पोटाश 3280 मेट्रिक टन, एनपीके 5226 मेट्रिक टन एवं सिंगल सुपर फास्फेट 1199 मेट्रिक टन वितरण के लिए निजी व सहकारी बिक्री केन्द्रो एवं गोदामों पर उपलब्ध है।

चालू रबी सीजन में 1 अक्टूबर 2024 से 18अक्टूबर 2024 तक यूरिया 2241 मी0 टन, डीएपी 3235 मेट्रिक टन, पोटास 634मेट्रिक टन, एनपीके 1308 मेट्रिक टन, सिंगल सुपर फास्फेट 150 मेट्रिक टन की बिक्री हुई है। विगत वर्ष 1 अक्टूबर 2023 से लेकर 18अक्टूबर 2023 तक यूरिया 1872मेट्रिक टन,डीएपी 5191 मेट्रिक टन, पोटाश 153 मेट्रिक टन, एनपीके 280 मेट्रिक टन व सिंगल सुपर फास्फेट 85 मेट्रिक टन की बिक्री हुई थी।
इस प्रकार विगत रबी सीजन की अपेक्षा चालू रबी सीजन में यूरिया 369 मी0 टन,पोटाश 481 मी 0 टन,एनपीके 1028 मी0टन व सिंगल सुपर फास्फेट 65 मी 0 टन की अधिक बिक्री हुई है।डी ए पी 1956मी0 टन कम बिक्री हुई है, जिसका मुख्य कारण सितम्बर माह में वर्षा का होना व फलस्वरूप आलू की बुआई में कुछ देर हुई है। साथ ही एनपीके की बिक्री विगत वर्ष से अधिक होना रहा है। इस समय रबी फसलों की बुवाई हेतु फास्फेटिक उर्वरक जिसमें डीएपी, एनपीके एवं सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग किसान बंधुओ द्वारा किया जा रहा है,की समुचित मात्रा उपलब्ध है। किसान भाई डीएपी के स्थान पर अन्य फास्फेटिक उर्वरक जैसे एनपीके एवं सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग गेहूँ बुवाई के समय कर सकते हैं। पौधों को डीएपी उर्वरक से मिलने वाला फास्फोरस तत्व एनपीके एवं सिंगल सुपर फास्फेट से भी प्राप्त होगा। अतः इनकी संस्तुत मात्रा का प्रयोग कर फास्फोरस की आपूर्ति आलू, गेहूँ व अन्य रबी फसलों में की जा सकती है। विगत वर्षों की भांति उर्वरकों की आपूर्ति हो रही है। जनपद में चालू माह में डीएपी उसी तरह से प्राप्त हो रही है जैसे विगत वर्षों में प्राप्त होती थी और आगे भी प्राप्त होती रहेगी । इसलिए किसान भाइयों से अनुरोध है कि किसी प्रकार की अफवाह पर ध्यान ना दें तथा डीएपी अथवा अन्य उर्वरकों का अग्रिम भंडारण ना करें। साथ ही जोत के अनुरूप बोई जाने वाली फसलों के दृष्टिगत संस्तुत मात्रा में ही डीएपी एवं अन्य उर्वरकों का क्रय करें। डीएपी उर्वरक की आपूर्ति किसान बन्धुओं के उपयोग हेतु लगातार कराई जा रही है।


Fast News UP

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *